नर सेवा नारायण सेवा
वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीण पराई जाणे रे…
महात्मा वे हैं जिनकी विशाल सहानुभूति एवं जिनका मातृवत हृदय सब दीन-दुखियों को प्रेम से अपनी गोद में स्थान देता है | इन शब्दों का जीवन्त दर्शन होता है परम पूज्य संत श्री आशारामजी बापू में जिन्होंने समाज के उत्थान हेतु अपना पूरा जीवन समर्पित किया है । दुःखी, चिंतित, व्यथित हर तप्त जीव को पूज्य बापूजी ने अपनी सत्संग गंगा में स्नान करा शीतलता प्रदान की है । पूज्य बापूजी ने गत 50 से भी अधिक वर्षों से दरिद्रनारायणों, आकाल या बाढ़ पीड़ितों के बीच जा-जाकर राहत सामग्री वितरण व भण्डारों का आयोजन किया है आज भी आश्रमों व समितियों द्वारा दरिद्रनारायणों की सेवा की जाती है। पूज्य बापूजी की प्रेरणा से पूरे देश में व महिला उत्थान मंडल की बहनों द्वारा नर सेवा नारायण सेवा की जाती है ।
सेवाकार्य के मुख्य बिंदु -
- अमावस्या के दिन व उत्तरायण, अक्षय तृतीया, दीपावली, पूज्यश्री के अवतरण दिवस-साक्षात्कार दिवस जैसे अनेक मांगलिक पर पर्वों पर दरिद्रनारायणों के बीच जीवनोपयोगी सामग्रियों व खाद्य पदार्थों का वितरण किया जाता है ।
- आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राशन कार्ड बनाकर प्रति मासिक राशन दिया जाता है ।
- कम्बल वितरण- पूज्य बापूजी की पावन प्रेरणा से प्रति वर्ष सर्दियों के मौसम में गरीबों, असहायों व अनाथों में सर्दी से बचने हेतु कम्बल का वितरण किया जाता है ।
- त्रिपाल वितरण – बरसात के मौसम में छतरी, तिरपाल आदि का वितरण किया जाता है ।