दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन के नियम
- प्रत्येक मनुष्य दीर्घ, स्वस्थ और सुखी जीवन चाहता है। यदि स्वस्थ और दीर्घजीवी बनना हो तो कुछ नियमों को अवश्य समझ लेना चाहिए।
- प्रातः ब्राह्ममुहूर्त में उठें । सुबह- शाम खुली हवा में टहलें, दौड़े ।
- योगासन, प्राणायाम, जप, ध्यान, संयम- सदाचार आदि का नियम लें ।
- दिन में कम-से-कम एक बार ‘देव-मानव हास्य प्रयोग’ करें ।
- मोटे व सूती वस्त्र पहनें, कृत्रिम (synthetic) नहीं ।
- संयम से रहें,ऋतुचर्या के अनुसार आहार- विहार करें ।
- चाय- कॉफी, शराब- कबाब, धुम्रपान, पान- मसाला आदि का सेवन न करें ।
- पेशाब करने के तुरंत बाद पानी न पियें, न ही पानी के तुरंत बाद पेशाब जायें । इससे हानि होती है । मल- मूत्र का वेग नहीं रोंके ।
- सप्ताह में कम- से- कम एक दिन रोज के सामान्य कार्यों से मुक्त हो जायें ।
- सदा एक जैसा काम, लायेगा असमय बुढ़ापा और थकान !
- स्वास्थ्य मंत्र ‘ॐ हंसं हंस:’ का नित्य १०८ बार (एक माला) जप करें ।
- संतों के सत्संग- सान्निध्य में स्वयं जायें व दूसरों को भी ले जायें ।
- आसन-प्राणायाम, जप-ध्यान, संयम-सदाचार आदि से मनुष्य दीर्घजीवी होता है।
- मोटे एवं सूती वस्त्र ही पहनें। सिंथेटिक वस्त्र स्वास्थ्य के लिए हितकर नहीं हैं।
- विवाह तो करें किंतु संयम-नियम से रहें, ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- आज जो कार्य करते हैं, सप्ताह में कम-से-कम एक दिन उससे मुक्त हो जाइये। मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि जो आदमी सदा एक जैसा काम करता रहता है उसको थकान और बुढ़ापा जल्दी आ जाता है।
- चाय-कॉफी, शराब-कबाब, धूम्रपान बिल्कुल त्याग दें। पानमसाले की मुसीबत से भी सदैव बचें। यह धातु को क्षीण व रक्त को दूषित करके कैसंर को जन्म देता है। अतः इसका त्याग करें।
- लघुशंका करने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए, न ही पानी पीने के तुरंत बाद लघुशंका जाना चाहिए। लघुशंका करने की इच्छा हुई हो तब पानी पीना, भोजन करना, मैथुन करना आदि हितकारी नहीं है। क्योंकि ऐसा करने से भिन्न-भिन्न प्रकार के मूत्ररोग हो जाते हैं. ऐसा वेदों में स्पष्ट बताया गया है।
- मल-मूत्र का वेग (हाजत) नहीं रोकना चाहिए, इससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है व बीमार भी पड़ सकते हैं। अतः कुदरती हाजत यथाशीघ्र पूरी कर लेनी चाहिए।
- प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में उठ जाना, सुबह-शाम खुली हवा में टहलना उत्तम स्वास्थ्य की कुंजी है।
- दीर्घायु व स्वस्थ जीवन के लिए प्रातः कम से कम 5 मिनट तक लगातार तेज दौड़ना या चलना तथा कम से कम 15 मिनट नियमित योगासन करने चाहिए।