एक्यूप्रेशर बिन्दु
- सूर्य बिन्दुःसूर्यबिन्दु छाती के परदे (डायाफ्राम) के नीचे आये हुए समस्त अवयवों का संचालन करता है। नाभि खिसक जाने पर अथवा डायाफ्राम के नीचे के किसी भी अवयव के ठीक से कार्य न करने पर सूर्यबिन्दु पर दबाव डाला जाना चाहिए।
- शक्तिबिन्दुःजब बहुत थकान हो या रात्रि को नींद न आयी हो तब इस बिन्दु को दबाने से वहाँ दुःखेगा। उस समय वहाँ दबाव डालकर उपचार करें।
- नकसीर फूटना, बेहोश होना तथा लू एवं गर्मी लगने पर :
ऊँगलियों के सिरों पर तथा नाक के नीचे तथा होंठ के ऊपर मध्य बिन्दु पर जोर से दबाव दें और चंद्रभेदी प्राणायाम करें ।
- चंद्रभेदी प्राणायाम की विधि :-
प्रातः पद्मासन अथवा सुखासन में बैठकर दायें नथुने को बंद करें और बायें नथुने से धीरे- धीरे अधिक-से-अधिक गहरा श्वास भरें । श्वास लेते समय आवाज न हो इसका ख्याल रखें ।अब अपनी क्षमता के अनुसार श्वास भीतर ही रोक रखें । जब श्वास न रोक सकें तब दायें नथुने से धीरे- धीरे बाहर छोड़ें । झटके से न छोड़ें ।इस प्रकार 3 से ५ प्राणायाम करें ।
- सावधानी :
कफ प्रकृतिवालों व निम्न रक्तचापवालों के लिए यह प्राणायाम निषिद्ध है । अतः वे केवल उपरोक्त बिंदुओं पर दबाव दें ।
नोट – एक्युप्रेशर की विस्तृत जानकारी हेतु पढ़ें आश्रम की ‘आरोग्यनिधि पुस्तक’ (भाग-1) ।