शून्य मुद्रा
प्रातः स्नान आदि के बाद आसन बिछा कर हो सके तो पद्मासन में अथवा सुखासन में बैठें। पाँच-दस गहरे साँस लें और धीरे-धीरे छोड़ें। उसके बाद शांतचित्त होकर निम्न मुद्राओं को दोनों हाथों से करें। विशेष परिस्थिति में इन्हें कभी भी कर सकते हैं।
विधि – सबसे लम्बी उँगली (मध्यमा) को अंदपर की ओर मोड़कर उसके नख के ऊपर वाले भाग पर अँगूठे का गद्दीवाला भाग स्पर्श करायें । शेष तीनों उँगलियाँ सीधी रहें।
लाभः कान का दर्द मिट जाता है। कान में से पस निकलता हो अथवा बहरापन हो तो यह मुद्रा 4 से 5 मिनट तक करनी चाहिए।