शीत ऋतु में उपयोगी पाक - बादाम पाक
पाक बनाने की सर्वसामान्य विधिः पाक में डाली जाने वाली काष्ठ-औषधियों एवं सुगंधित औषधियों का चूर्ण अलग-अलग करके उन्हें कपड़छान कर लेना चाहिए । किशमिश, बादाम, चारोली, खसखस, पिस्ता, अखरोट, नारियल जैसी वस्तुओं के चूर्ण को कपड़छन करने की जरूरत नहीं है । उन्हें तो थोड़ा-थोड़ा कूटकर ही पाक में मिला सकते हैं ।
पाक में सर्वप्रथम काष्ठ औषधियाँ डालें, फिर सुगंधित पदार्थ डालें । अंत में केसर को घी में पीसकर डालें ।
पाक तैयार होने पर उसे घी लगायी हुई थाली में फैलाकर बर्फी की तरह छोटे या बड़े टुकड़ों में काट दें । ठंडा होने पर स्वच्छ बर्तन या काँच की बरनी में भरकर रख लें ।
पाक खाने के पश्चात दूध अवश्य पियें । इस दौरान मधुर रसवाला भोजन करें । पाक एक दिन में ज्यादा से ज्यादा 40 ग्राम जितनी मात्रा तक खाया जा सकता है ।
बादाम पाकः बादाम 320 ग्राम, मावा 160 ग्राम, बेदाना 45 ग्राम, घी 160 ग्राम, मिश्री 1600 ग्राम तथा लौंग, जायफल, वंशलोचन एवं कमलगट्टा 5-5 ग्राम और एल्चा (बड़ी इलायची) एवं दालचीनी 10-10 ग्राम लें । इसके बाद उपरोक्त विधि के अनुसार पाक तैयार करें ।
नोटः बड़ी इलायची के गुणधर्म वही हैं जो छोटी इलायची के होते हैं ऐसा द्रव्य-गुण के विद्वानों का मानना है । अतः बड़ी इलायची भी छोटी के बराबर ही फायदा करेगी । बड़ी इलायची छोटी इलायची से बहुत कम दामों में मिलती है ।
इस पाक के सेवन से वीर्यवृद्धि होकर शरीर पुष्ट होता है, वातरोग में लाभ होता है ।