बुद्धि और कर्म का समन्वय
योग माने कर्मयोग और सांख्य माने विचार । बुद्धि व कर्म दोनों हमारे साथ रहने चाहिए । यदि हम केवल विचार ही करते रह जायें और काम न करें तो बुद्धि व्यर्थ चली जाती है । काम-ही-काम करते रहें और विचार न करें तो कर्म नष्ट हो जाता है । इसलिए बुद्धि और कर्म – इन दोनों का समन्वय करके अपना जीवन चलाना चाहिए ।