न भूलो परमेश्वर का ध्यान
न भूलो परमेश्वर का ध्यान, यही तो अपने जीवन के प्राण ।।
यह सब संगी कुछ ही दिन के, तुम चल रहे भरोसे जिनके ।
समझकर यह संभ्रम अज्ञान, न भूलो परमेश्वर का ध्यान ।।…
जग के वैभव बल जन धन में, रहना निरासक्त इस तन में ।
छोड़ के इन सबका अभिमान, न भूलो परमेश्वर का ध्यान ।।…
केवल सर्वाधार यही है, सुंदर सुखमय सार यही है ।
जो कि अति सूक्ष्म अतुल महान, न भूलो परमेश्वर का ध्यान ।।…
ममता देह गेह’ की तजकर, आ जाओ सत पथ में भजकर ।
‘पथिक’ जो तुम चाहो कल्याण, न भूलो परमेश्वर का ध्यान ।।…
– संत पथिकजी