बुद्धिशक्तिवर्धक - मेधाशक्तिवर्धक प्रयोग
बुद्धिशक्ति वर्धक प्रयोग
लाभ – इसके नियमित अभ्यास से ज्ञानतंतु पुष्ट होते हैं। चोटी के स्थान के नीचे गाय के खुर के आकार वाला बुद्धिमंडल है, जिस पर इस प्रयोग का विशेष प्रभाव पड़ता है और बुद्धि व धारणा शक्ति का विकास होता है।
विधिः सीधे खड़े हो जायें। दोनों हाथों की मुट्ठियाँ बंद करके हाथों को शरीर से सटाकर रखें। सिर पीछे की तरफ ले जायें। दृष्टि आसमान की ओर हो। इस स्थिति में 25 बार गहरा श्वास लें और छोड़ें। मूल स्थिति में आ जायें।
मेधाशक्तिवर्धक प्रयोग
लाभः इसके नियमित अभ्यास से मेधाशक्ति बढ़ती है।
विधिः सीधे खड़े हो जायें। दोनों हाथों की मुट्ठियाँ बंद करके हाथों को शरीर से सटाकर रखें। आँखें बंद करके सिर नीचे की तरफ इस तरह झुकायें कि ठोढ़ी कंठकूप से लगे रहे और कंठकूप पर हलका सा दबाव पड़े। इस स्थिति में 25 बार गहरा श्वास लें और छोड़ें। मूल स्थिति में आ जायें।
विशेषः श्वास लेते समय ‘ॐ’ मंत्र का मानसिक जप करें व छोड़ते समय उसकी गिनती करें।
ध्यान दें– यह प्रयोग सुबह खाली पेट करें। दोनों प्रयोग प्रारम्भ में 15 बार करते हैं। फिर धीरे-धीरे संख्या 25तक बढ़ा सकते हैं ।