स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ऊँची एड़ी के सेंडिल
एक सर्वेक्षण के अनुसार ऊँची एड़ी की चप्पलें पहनने वाली महिलाओं में से लगभग 60 प्रतिशत के पैरों में दर्द की शिकायत रहती है । परन्तु युवतियाँ इस ओर तनिक भी ध्यान नहीं देती ।
ऊँची एड़ी के जूते-चप्पल पहनने से जांघ की क्वाड्रिसेप मांसपेशी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और इससे घुटने की कटोरी पर दबाव बढ़ता है । ऊँची एड़ी की चप्पलें शरीर पर अनावश्यक भार डालती है । इन चप्पलों को पहनने से पैर आरामदायक स्थिति में नहीं रह पाते । यह नेत्रज्योति पर भी कुप्रभाव डालती है ।
छोटा कद होने की हीन ग्रन्थि को मन से निकाल देना चाहिए । जापान में लोग ठिंगने होने पर भी ऊँची एड़ी के जूते-चप्पल का प्रयोग नहीं करते और सिर ऊँचा करके जीते हैं । जापान में जब अतिथि आता है तो सर्वप्रथम उसके पाँव ठंडे पानी से धुलाये जाते हैं । ऐसा करने का उनका उद्देश्य अतिथि का स्वागत करने के साथ-साथ आगन्तुक की थकान उतारना भी होता है ।
हमारे देश में भी अतिथि के पाँव धोने से उक्त वैज्ञानिक परम्परा पुरातन काल से चली आ रही है । अतः पैरों की सुविधा के लिए जूते चप्पलों का प्रयोग करें न कि फैशन से प्रभावित होकर रूप सज्जा के लिए ।