जानें हेयर डाई की असलियत
बालों को डाई करना भयंकर रोगों को आमंत्रित करता है । हेयर डाई का प्रयोग करने वाले शायद इसके दुष्प्रभावों से अनभिज्ञ ही हैं । बड़ी संख्या में लोगों के द्वारा हेयर डाई का प्रयोग किया जाता है, जिसमें ३०- ३५ वर्ष की आयु वाले के लोगों की संख्या अधिक है । इनमें ६०-७० प्रतिशत महिलाएं हैं । कई बार बड़ी उम्र के व्यक्ति भी युवा दिखने के लिए बिना सोचे-समझे इन प्रसाधनों का प्रयोग करते हैं ।
यह रंजक बालों की जड़ों में जाकर जम जाता है, जो हानिकारक है । क्योंकि इसमें अत्यधिक क्रियाशील कार्बनिक संयोजक होते हैं । इसके लगातार प्रयोग से कैंसर जैसी घातक बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है । बालों को रंगने की प्रत्येक दवा में डिटरजेंट, इत्र आदि के साथ कुछ रसायन मिलाए जाते हैं । वैज्ञानिकों के अनुसार ज्यादातर औषधियों में प्रयुक्त मिथोक्सी एम फिनाइलीन डाईएमीन कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं । यहाँ तक कि कारखानों और ब्यूटी पार्लर में कार्यरत लोगों को भी बार-बार हेयर डाई के स्पर्श से रक्त कैंसर हो जाता है ।