कितने सुरक्षित हैं सौंदर्य प्रसाधन
त्वचा को सुंदर तथा कोमल बनाने के लिए आजकल तरह-तरह की क्रीमों का प्रयोग किया जाता है । उत्पाद कंपनियाँ टी.वी., रेडियो आदि के द्वारा अपने-अपने क्रीमों तथा पाउडरों के विज्ञापन करवाकर उनकी श्रेष्ठता बताते हुए उपभोक्ताओं को आकर्षित करती हैं । त्वचा को कोमल तथा सुंदर बनाने के लिए जिन क्रीमों का प्रयोग किया जाता है, उनमें से कइयों में ब्लीचिंग उत्प्रेरक ‘हाइड्रोक्वीनोन’ मिला होता है । यह मेलानिन के स्राव को रोक देता है । मेलानिन शरीर में विद्यमान एक ऐसा पदार्थ है जो सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा की रक्षा करता है ।
धूप लगने से इस पदार्थ के अभाव में त्वचा में धब्बे पड़ सकते हैं तथा पहले की अपेक्षा त्वचा काली हो सकती है । ध्यातव्य है कि ‘हाइड्रोक्वीनोन’ का लम्बे समय तक प्रयोग किए जाने पर त्वचा का कैंसर होने की संभावना रहती है ।
‘प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम’ के अनुसार गोरेपन की क्रीम में 2% से अधिक हाइड्रोक्वीनोन नहीं होना चाहिए । परन्तु त्वचा रोग विशेषज्ञों के अनुसार यदि 2% हाइड्रोक्वीनोन भी यदि लम्बे समय तक अथवा अधिकांशतः प्रयोग किया जाए तो वह खतरनाक हो सकता है ।
इसी प्रकार अधिकांश व्यक्ति स्नान के बाद अपने शरीर पर टेलकम पाउडर का प्रयोग करते हैं जिसे छिड़कते समय उसके कण हवा में फैल जाते हैं । यदि वे कण लगातार कुछ दिनों तक श्वांस के द्वारा फेफड़ों में पहुँचते रहें तो स्वास्थ्य को बहुत नुकसान हो सकता है । यदि कोई ब्रोंकाइटिस (श्वांस नलिकाओं का शोथ) और दमा का रोगी है अथवा धूम्रपानकर्ता करता है तो उसे इससे और भी अधिक खतरा हो सकता है ।