संसार का सबसे बड़ा हथियार - आत्मबल
एक बार अकबर ने पूछा: “बीरबल! संसार में सबसे बड़ा हथियार कौन-सा है ?”
बीरबल: ‘‘बादशाह सलामत ! संसार में सबसे बड़ा हथियार है आत्मबल ।’’
अकबर ने इसे परखने का निश्चय किया ।
अकबर ने बीरबल के आत्मबल की परख करने के लिए उधर तो बीरबल को बुलावा भेजा और इधर एक उन्मत्त हाथी के महावत को हुक्म दिया कि ‘‘जैसे ही बीरबल को आता देखो, वैसे ही हाथी की जंजीरें खोल देना ।’’
जब बीरबल अकबर से मिलने दरबार की ओर जा रहे थे तो उन्मत्त हाथी छोड़ा जा चुका था । बीरबल अपनी मस्ती में चले जा रहे थे, तभी उनकी नजर उन्मत्त हाथी पर पड़ी जो चिंघाड़ता हुआ उनकी तरफ आ रहा था ।
बीरबल को छोटी उम्र में ही सद्गुरू से सारस्वत्य मंत्र की दीक्षा मिल गयी होगी । वे नित्य श्रद्धापूर्वक मंत्रजप करते थे । इससे उनकी मति सूक्ष्म हो गयी थी । मंत्रदीक्षा व प्राणायाम के प्रभाव से उनका आत्मबल विकसित हो गया था । उन्हें समझने में देर न लगी कि ‘बादशाह अकबर ने मेरे आत्मबल और बुद्धि की परीक्षा के लिए ही उन्मत्त हाथी को छुड़वाया है ।’
तेजी से दौड़ता हुआ हाथी सूँड़ को उठाये बीरबल की ओर चला आ रहा था । बीरबल ऐसे स्थान पर खड़े थे कि वे इधर-उधर भागकर भी नहीं बच सकते थे । ठीक उसी वक्त बीरबल को एक कुत्ता दिखाई दिया । हाथी बहुत निकट आ गया था, इतना करीब कि वह बीरबल को अपनी सूंड़ में लपेट लेता ।
तभी बीरबल ने झटपट कुत्ते की पिछली टांगें पकड़ी और घुमाकर हाथी पर फेंका । घबराकर चीखता हुआ कुत्ता जब हाथी से जा टकराया तो उसकी चीखें सुन के हाथी भी घबरा गया और पलट के भाग गया । अकबर को बीरबल की इस बात की खबर मिल गयी और उसे मानना पड़ा कि बीरबल ने जो कुछ कहा है वह सच है । आत्मबल ही सबसे बड़ा हथियार है ।