गृहस्थ में सुखी रहने के उपाय
- अपनेवालों से न्याय, दूसरे से उदारता- यह सिद्धांत दिलों को व कुटुम्ब को जोड़कर रखता है ।
- सासु का कर्तव्य है कि बहुओं को अपने ह्रदय में, अपनी गोद में जगह दे । बहुओं का कर्तव्य है कि सास- ससुर को अपने दिल में जगह दे; सासु के दिल को जीत ले, सासु की अंतर्यामी बने; मौसम के अनुरूप पति के लिए भोजन- छाजन आदि कि व्यवस्था करे और पति का कर्तव्य है कि पत्नी के विकास का एक स्तंभ बन जाय । यदि सास बहु की और बहु सास की अंतर्यामी बन जाय तो कुटुम्ब, कुल- खानदान स्नेह से भरा रहेगा ।
- आप सुखी होने में वो मजा नहीं, जो औरों को सुखी रखने में है । इससे आपको परमात्मसुख की प्राप्ति हो जायेगी ।