ताड़ासन
क्या आप अपनी लम्बाई बढ़ाना चाहते हैं? अपनी ऊर्जाशक्ति को ऊर्ध्वगामी बनाना चाहते हैं? हाँ तो आप नित्य ताड़ासन का अभ्यास कीजिए।
परिचयः
इस आसन में शरीर की स्थिति ताड़ या खजूर के वृक्ष के समान लम्बी होती है, अतः इसे ताड़ासन कहते हैं।
लाभः
इस आसन से स्फूर्ति, प्रसन्नता, जागरूकता व नेत्रज्योति में वृद्धि होती है। बच्चे व युवा यदि ताड़ासन और पादपश्चिमोत्तानासन का प्रतिदिन अभ्यास करें तो शऱीर का कद बढ़ाने में मदद मिलती है।
विधिः
दोनों पैरों के बीच में 4 से 6 इंच का फासला रखकर सीधे खड़े हो जायें। हाथों को शरीर से सटा कर रखें। एड़ियाँ ऊपर उठाते समय श्वास अंदर भरते हुए दोनों हाथ सिर से ऊपर उठायें। पैरों के पंजों पर खड़े रहकर शरीर को पूरी तरह ऊपर की ओर खींचें। सिर सीधा व दृष्टि आकाश की ओर रहे। हथेलियाँ आमने-सामने हों। श्वास भीतर रोके हुए यथाशक्ति इसी स्थिति में खड़े रहें। श्वास छोड़ते हुए एड़ियाँ जमीन पर वापिस लायें। हाथ नीचे लाकर मूल स्थिति में आ जायें।
समयः
आधा-आधा मिनट तक तीन बार करें। इसकी समयावधि बढ़ाकर एक साथ एक से तीन तक भी कर सकते हैं। (एक साथ तीन मिनट तक करना हो तो यथाशक्ति श्वास रोकें फिर धीरे-धीरे छोड़ें। पुनः श्वास लेकर रोकें)।
रोगों में लाभः
इसके नियमित अभ्यास से स्वप्नदोष, वीर्यविकार, धातुक्षय जैसी बीमारियों में लाभ होता है। दमे के रोगियों के लिए यह आसन बड़ा ही लाभप्रद है।