गुलाब शरबत
- बाजारू ठंडे पेय पदार्थों से स्वास्थ्य को कितनी हानि पहुँचती है यह तो लोग जानते ही नहीं हैं । दूषित तत्त्वों, गंदे पानी एवं अभक्ष्य पदार्थों के रासायनिक मिश्रण से तैयार किये गये अपवित्र बाजारू ठंडे पेय हमारी तंदरुस्ती एवं पवित्रता का घात करते हैं । इसलिए उनका त्याग करके हमें आयुर्वेद एवं भारतीय संस्कृति में वर्णित पेय पदार्थों से ही ठंडक प्राप्त करनी चाहिए । यहाँ कुछ शरबतों की निर्माण-विधि एवं उपयोग की जानकारी दी जा रही हैः-
- गुलाब का शरबतः गुलाब जल अथवा नलिकायंत्र (वाष्पस्वेदन यंत्र) द्वारा गुलाब की कलियों के निकाले गये अर्क में मिश्री डालकर उसका पाक तैयार करें । जब जरूरत पड़े तब उसमें ठंडा जल मिलाकर शरबत बना लें ।
- उपयोगः यह शरबत सुवासित होने के साथ शरीर की गर्मी को नष्ट करता है । अतः ग्रीष्म ऋतु में सेवन करने योग्य है ।