द्राक्ष का शरबत
- बाजारू ठंडे पेय पदार्थों से स्वास्थ्य को कितनी हानि पहुँचती है यह तो लोग जानते ही नहीं हैं । दूषित तत्त्वों, गंदे पानी एवं अभक्ष्य पदार्थों के रासायनिक मिश्रण से तैयार किये गये अपवित्र बाजारू ठंडे पेय हमारी तंदरुस्ती एवं पवित्रता का घात करते हैं । इसलिए उनका त्याग करके हमें आयुर्वेद एवं भारतीय संस्कृति में वर्णित पेय पदार्थों से ही ठंडक प्राप्त करनी चाहिए । यहाँ कुछ शरबतों की निर्माण-विधि एवं उपयोग की जानकारी दी जा रही है –
द्राक्ष का शरबतः
- बीज निकाली हुई 60 ग्राम द्राक्ष को बिजौरे अथवा नींबू के रस में पीसें । उसमें अनार का 240 ग्राम रस डालें । उसके बाद उसे छानकर उसमें स्वादानुसार काला नमक, इलायची, काली मिर्च, जीरा, दालचीनी एवं अजवायन डालकर 60 ग्राम शहद मिलायें ।
- उपयोगः मंदाग्नि एवं अरूचि में लाभप्रद ।