थोड़ी सी सावधानी न होगी हानि
- घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए रोज पोंछा लगाते समय पानी में थोड़ा नमक मिलायें । इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव घटता है । एक-डेढ़ रुपये किलो खड़ा-मोटा नमक मिलता है, उसका उपयोग कर सकतें हैं ।
- झाड़ू और पोछा ऐसी जगह पर नहीं रखने चाहिए की बार-बार नजरों में आयें । भोजन के समय यथासंभव न दिखें, ऐसी सावधानी रखें।
- कार्यालयीन कामकाज, अध्ययन आदि के लिए बैठने का स्थान छत की बीम के नीचे नहीं होना चाहिये क्योंकि इससे थोड़ा मानसिक दबाव रहता है ।
- बीम के नीचेवाले स्थान में भोजन बनाना एवं करना नहीं चाहिए । इससे आर्थिक हानि हो सकती है । बीम के नीचे सोने से स्वास्थ्य में गड़बड़ होती है तथा नींद ठीक से नहीं आती ।
- घर में टूटी- फूटी अथवा अग्नि से जली हुई प्रतिमा की पूजा नहीं करनी चाहिए | ऐसी मूर्ति की पूजा करने से गृहस्वामी के मन में उद्वेग या अनिष्ट होता हैं | (वराह पुराण : १८६.४३)
- सूर्य से आरोग्य की, अग्नि से श्री की, शिव से ज्ञान की, विष्णु से मोक्ष की, दुर्गा आदि से रक्षा की, भैरव आदि से कठिनाइयों से पार पाने की, सरस्वती से विद्या के तत्व की, लक्ष्मी से ऐश्वर्य- वृद्धि की, पार्वती से सौभाग्य की, शची से मंगल वृद्धि की, स्कन्द से सन्तान वृद्धि की और गणेश से सभी वस्तुओं की इच्छा (याचना) करनी चाहिए | (लौगाक्षी स्मृति)
- यदि घर में क्लेश हो तो घर का मुखिया रात को सोते समय अपने सिरहाने के पास लोटे में जल रखे, सुबह तुलसी या पीपल में जल चढ़ा दे ।
- रात्रि को सोने से पहले गर्म-गर्म दूध न पीयें । इससे रात्रि को स्वप्नदोष हो जाता है ।
- घर में कुत्ते-बिल्ली की पैरों की धूल नहीं आने देना चाहिए, इससे घर में बरकत कम होती है ।
- प्रतिदिन एक रोटी और गुड़ गौमाता को खिलानी चाहिए ।
विघ्न- बाधा निवारक प्रयोग
- हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के प्रवेश- द्वार पर ‘ॐ’ बना दें | यह घर को बाधाओं से सुरक्षित रखने में मदद करता है | केवल हल्दी के घोल से भी ‘ॐ’ लिखें तो यही फल प्राप्त होगा |