हथेलियों में सर्वरोगनिवारक और सौन्दर्यवर्धक शक्ति
- मनुष्य की दोनों हथेलियों में सर्वरोग निवारक औषधियाँ निहित हैं और दोनों हथेलियों को परस्पर रगड़कर गर्म करने से सर्वरोगनिवारक औषधियों का प्रभाव हथेलियों की त्वचा में आ जाता है।
- इस प्रकार हथेलियों को परस्पर रगड़कर सिर से पाँव तक शरीर के समस्त अवयवों पर घुमाने से प्रत्येक अवयव के रोग और विकार निकल जाते हैं और उसके स्थान पर आरोग्यता एवं सुन्दरता की प्राप्ति होने लगती है।
- रात्रि में सोते समय बिस्तर पर लेटकर और प्रातः बिस्तर से उठने से पूर्व इसी मंत्र को बोलते हुए दोनों हथेलियों को परस्पर रगड़कर गर्म करके उनसे सिर से लेकर पाँव के तलवों तक क्रमशः सिर, बाल, ललाट, नेत्र, नाक, कान, होंठ, गाल, ठोड़ी, गर्दन, कन्धे, भुजाएँ, वक्ष, हृदय, पेट, पीठ, नितंब, जंघाएँ, घुटने, पिंडलियाँ, टखने, पाद, पृष्ठों और पैर के तलुओं का स्पर्श बड़े स्नेह और शान्ति से कीजिए।
- इससे आप देखेंगे कि आपका स्वास्थ्य और सौन्दर्य गुलाब के पुष्प की भाँति सुविकसित होता जा रहा है।
उदाहरणार्थः
- यदि आप मंत्र बोलते हुए दोनों हथेलियों को आपस में रगड़कर गर्म करके नेत्रों का स्पर्श करें और अनुभव करें कि ‘आपकी पलकों के बाल सुन्दर और आकर्षक होते जा रहे हैं, आपकी दृष्टिशक्ति बढ़ रही है और आपकी दृष्टि स्पष्ट, पवित्र और मनोहर हो रही है….’ तो आप कुछ ही दिनों के उपरान्त नेत्रों में वैसा ही आश्चर्य जनक सुधार पायेंगे।